जल संरक्षण के लिए महाअभियान में अदाणी फाउंडेशन ने कराया नौ तालाबों का जीर्णोद्धार

जल संरक्षण के लिए महाअभियान में अदाणी फाउंडेशन ने कराया नौ तालाबों का जीर्णोद्धार

विवेक कुमार पांडेय सह संपादक 



जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश रिर्टन विश्वकाशी राष्ट्रीय हिन्दी मासिक समाचार पत्र (RV NEWS LIVE) - जिले के बंधौरा स्थित महान एनर्जेन लिमिटेड के परियोजना क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों को सक्षम बनाने एवं मध्य प्रदेश सरकार की जल गंगा संवर्धन अभियान को प्रोत्साहन देने हेतु अदाणी फाउंडेशन द्वारा नौ तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा किया गया अपने निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत, अदाणी फाउंडेशन के द्वारा है। माडा तहसील के अंतर्गत अमिलिया और नगवा गांव में दो-दो तालाबों,  करसुआराजा, जमगढ़ी, गजराबहरा, सुहिरा और खनुआ नवा गांवों में सूखने के कगार पर पहुँच चुके एक-एक तालाब का जीर्णोद्धार  किया गया है। सूखने के कगार पर स्थित इन तालाबों  के जीर्णोद्धार होने से सात गांवों के करीब 3,000  किसानों को कृषि कार्य, सिंचाई आदि की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी।



अदाणी ग्रुप के सीएसआर प्रमुख मनोज प्रभाकर के नेतृत्व में इस क्षेत्र में जल संरक्षण एवं पर्यावरणीय समस्या को कम करने के लिए सामाजिक स्तर पर उपाय ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, “ झीलें और तालाब अक्सर आधुनिक समय की मानवीय लापरवाही का खामियाजा भुगतते हैं। अदाणी फाउंडेशन की तरफ से जल संरक्षण के लिए जल संसाधनों का संवर्धन तथा जनता को सक्षम बनाना भी कार्यक्रम का उद्देश्य है। हमें पानी के महत्व को समझना होगा। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने इन गांवों में तालाबों के जीर्णोद्धार की मांग की थी, जिसे हमने पूरा किया गया है।“  

अमिलिया पंचायत के सरपंच श्री तेजबली साकेत ने कहा कि, “पहले तालाब ग्रामीणों के दैनिक जीवन के अभिन्न अंग थे, जो धार्मिक, सिंचाई और पीने के उद्देश्यों के लिए उनका सम्मान करते थे और उनकी रक्षा करते थे। लोक जीवन में तालाब का धार्मिक महत्व रहने के कारण यह संस्कृति में रची बसी हुई है। लेकिन रखरखाव के अभाव और प्रदूषित वातावरण के वजह से आज तालाब का ऐतिहासिक स्वरूप लुप्त होने के कगार पर है।  तालाब आज भी क्षेत्र की लोक परंपरा, लोकोत्सव व धार्मिक आयोजन से जुड़ी हुई है। इन दिनों तालाब गडढ़े का रूप लेता जा रहा है और पानी का स्तर नीचे जाने से तालाब का पानी भी बड़ी तेजी से सूखने लगा है।" ऐसे में अदाणी फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे प्रयासों का स्थानीय ग्रामीण काफी तारीफ कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इन तालाबों की जीर्णोद्धार के बाद जल धारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र के जल स्तर में सुधार होगा और जल संकट की समस्या का समाधान होगा। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु तालाबों के मेड़ों पर छायादार पौधे लगाने का कार्य भी अदाणी फाउंडेशन की योजना है और इसके तहत इस वर्ष करीब छह हजार पेड़ लगाए जाएंगे। इससे ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण प्रदान करने में मदद मिलेगी।  अदाणी फाउंडेशन, क्षेत्र में निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविकोपार्जन, अधोसंरचना विकास के साथ-साथ जल संचय और पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित कई कार्यक्रम संचालित करता है।

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