सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना के विस्थापितों के समस्याओं का हुआ समाधान
जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश से ब्यूरो चीफ विवेक पाण्डेय की खास रिपोर्ट
जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश रिर्टन विश्वकाशी राष्ट्रीय हिन्दी मासिक समाचार पत्र (RV NEWS LIVE) ब्यूरो न्यूज़-सिंगरौली, सितम्बर 12, 2023: जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सरई तहसील अन्तर्गत एपीएमडीसी को आवंटित सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना से प्रभावित गांवों के विस्थापितों की बैठक में आपसी सहमति से सभी समस्याओं का समाधान हो गया। मंगलवार को परियोजना से विस्थापित होनेवाले परिवारों के लिए भू-अर्जन तथा पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण हेतु आज कलेक्ट्रेट में मीटिंग बुलाई गयी थी। इस बैठक में जिला कलेक्टर, सीईओ, जिला पंचायत, एसपी, एसडीएम एवं अन्य अधिकारियों समेत एपीएमडीसी के अधिकारी और काफी संख्या में परियोजना के विस्थापित उपस्थित हुए।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान परियोजना से विस्थापित होनेवाले परिवारों, जिला प्रशासन और एपीएमडीसी के अधिकारियों के बीच कुछ समस्याओं को लेकर कई बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में समय सीमा के भीतर कुछ समस्याओं के निराकरण को लेकर सहमति बनी थी और आज की बैठक में सभी इस पर बात को लेकर सहमत हुए कि एपीएमडीसी के द्वारा अधिकतर मांगों का निपटारा किया जा चुका है और बचे हुए कुछ अन्य मांगों को भी जल्द हीं सुलझा लिया जायेगा।
इस दौरान जिला प्रशासन की उपस्थिति में इस बात पर सहमति बनी की परियोजना के विस्थापितों का एपीएमडीसी से कोई विवाद नहीं है और अब सुलियारी से कोयले की परिवहन को नहीं रोका जायेगा। साथ हीं जरुरत पड़ने पर विस्थापित होनेवाले परिवार के सदस्य किसी भी समस्या के निराकरण के लिए सीधे जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं ताकि बाहरी तत्वों को निजी स्वार्थ के लिए राजनीति करने से रोका जा सके। परियोजना के विस्थापित इस बात को लेकर सहमत हुए कि कोयले की परिवहन को रोकना अथवा अन्य तरीके से परियोजना के कार्यों को बाधित करना समस्या का समाधान नहीं है और बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखना चाहिए।
सुलियरी कोल ब्लॉक परियोजना से जुड़े समस्याओं को सुलझाने में सिंगरौली जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिला कलेक्टर, एसडीएम एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा हमेशा बातचीत का रास्ता खुला रखा गया ताकि विस्थापित परिवार खुलकर अपनी समस्याओं को बता सके और उसका हल सम्बन्धित कम्पनी एपीएमडीसी के माध्यम से ढूंढा जा सके। इसका सीधा लाभ परियोजना के विस्थापित परिवारों को होगा और बाहरी लोगों को अपने निजी स्वार्थ के लिए स्थानीय ग्रामीणों को उकसाने का मौका नहीं मिलेगा।