कोरोनावायरस: एयर इंडिया ने ऐसे निकाले 647 भारतीय, कैप्टन अमिताभ ने किया मिशन का नेतृत्व
एयर इंडिया के कोरोनावायरस से प्रभावित चीन के वुहान से 647 भारतीय और मालदीव के सात नागरिकों को निकालने की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। खुद मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भारत का धन्यवाद किया।
यह मिशन तकनीकी और व्यवहारिक रूप से बहुत खतरनाक भी था। विमान में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टेक्निशियनों के अलावा उच्च प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट-क्रू मेंबर भी सवार थे।
वुहान से एयर इंडिया के दो फ्लाइट्स की सहायता से कुल 654 लोगों को भारत लाया गया जिसमें मालदीव के सात लोग भी शामिल थे। इन सभी को चिकित्सा जांच के लिए सेना और आईटीबीपी द्वारा बनाए गए कैंपों में ले जाया गया।
ऑपरेशन में शामिल थे ये विमान
इस ऑपरेशन में जिन दो विमानों का प्रयोग किया गया उनके नाम अजंता और आगरा हैं। इन विमानों को इस समय विशेष प्रशिक्षित टीम के द्वारा कीटाणुरहित किया जा रहा है। पूरी तरह से कीटाणुरहित होने के बाद इन विमानों को सामान्य परिचालन में लाया जाएगा।
ऑपरेशन के दौरान प्रयोग में लाए गए दोनों विमान 25 साल पुराने हैं इसलिए तकनीकी रूप से इनके खराब होने का खतरा बना हुआ था। टॉयर जैसे जल्दी खराब होने वाले स्पेयर पार्ट को एहतियातन दिल्ली से विमान में पहले से ही रख लिया गया था।
कैप्टन अमिताभ सिंह ने संभाली मिशन की कमान
एयर इंडिया के ऑपरेशन डॉयरेक्टर कैप्टन अमिताभ सिंह खुद दोनों फ्लाइट्स पर नजर बनाए हुए थे। अमिताभ सिंह और संजय गुप्ता, ये दो ऐसे लोग थे जो एयर इंडिया के दोनों फ्लाइट्स में सवार थे।
दिल्ली में एयर इंडिया का कंट्रोल सेंटर पल पल विमान की हर एक गतिविधि पर बारीकी नजर बनाए हुए था। वुहान एयरपोर्ट पर सीमित कर्मचारियों की सहायता से टीम ने यात्रियों का तीन स्तरीय स्वास्थ्य जांच की।
वुहान एयरपोर्ट पर विमानों ने बिताए इतने घंटे
भारत के लिए उड़ान भरने से पहले स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खतरनाक हो चुके वुहान एयरपोर्ट पर पहली फ्लाइट ने छह घंटे जबकि दूसरी फ्लाइट ने आठ घंटे बिताए। इस दौरान दोनों फ्लाइट्स में सवार क्रू मेंबर और स्वास्थ्य टीम के सदस्य प्रोटेक्शन सूट पहनने के साथ आवश्यक उपकरणों से लैस थे।